X
Login
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
Login With Facebook
iChowk
Aaj Tak
বাংলা
Aaj Tak Campus
GNTTV
Lallantop
India Today
Business Today
Cosmopolitan
Harper's Bazaar
Reader's Digest
Northeast
Malayalam
Sports Tak
Crime Tak
Astro Tak
Gaming
Brides Today
Ishq FM
सियासत
समाज
संस्कृति
स्पोर्ट्स
सिनेमा
सोशल मीडिया
इकोनॉमी
ह्यूमर
टेक्नोलॉजी
वीडियो
लॉगिन करें
मोबाइल नंबर
(+91)
Submit
or
You agree to our privacy and cookie policy while login to our website.
*
OTP डालें
OTP फिर भेजें
OTP फिर भेजें
Submit
New
अपनी स्टोरी, कविता या कहानी साझा करें...
चर्चा में
महाराष्ट्र
औरंगजेब
ज्ञानवापी मस्जिद
कांग्रेस
राहुल गांधी
योगी आदित्यनाथ
यूपी विधानसभा चुनाव 2022
रूस यूक्रेन विवाद
नरेंद्र मोदी
पंजाब चुनाव
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022
अखिलेश यादव
ओमिक्रॉन वेरिएंट
ममता बनर्जी
कोरोना वायरस
अफगानिस्तान
ऑक्सीजन
पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
कोरोना वैक्सीन
किसान आंदोलन
भारत-चीन
अमित शाह
प्रियंका गांधी
टीम इंडिया
विराट कोहली
अरविंद केजरीवाल
अरुण जेटली
समाज
| 5-मिनट में पढ़ें
प्रोबिर रॉय
कमला मिल्स हादसे वाली जगह की पड़ताल में घटना का सच सामने आ गया
हमेशा पतली गली खोजने वाले देश में कोई भी नियम या कायदा कायदे से फॉलो नहीं किया जा सकता. न ही उसे जबरदस्ती लादा जा सकता है. और अगर मान लिया जाए कि ये कायदे बराबरी से सभी के लिए लागू कर भी दिए गए तो भी कोई इसका पालन नहीं करने वाला.
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
जब भगदड़ में ना सूझे कोई रास्ता, तो यूं बचाएं अपनी जान
किसी डर से इंसान जीवन जीना तो नहीं छोड़ सकता लेकिन सतर्क तो हमेशा रहना चाहिए. क्योंकि घटनाएं, दुर्घटनाएं कभी बताकर नहीं आती. ऐसे में चलिए आपको बताएं कि अगर आप किसी तरह के भगदड़ में फंस गए तो क्या करें या क्या न करें-
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
आर.के.सिन्हा
@RKSinha.Official
नये साल का “उपहार” मुंबई का पब हादसा
मुंबई हादसे के बाद तो कम से कम हमारी आंखें खुल जानी चाहिए. आखिर हम कब तक चिर निद्रा में सोते रहेंगे और आम नागरिक जान खोते रहेंगें. क्या देश आज भी यह सुनिश्चित नहीं कर सकता है कि अब उपहार और मुंबई के पब में हुए हादसों की पुनरावृत्ति नहीं होगी?
समाज
| 7-मिनट में पढ़ें
अनुज मौर्या
@anujkumarmaurya87
Mumbai Fire: इन्होंने आग लगाकर ली 14 लोगों की जान !
ऐसे रेस्टोरेंट में जाने के लिए एक संकरी सीढ़ी जैसे इकलौते रास्ते होना कोई नई बात नहीं है। दरअसल, इस तरह के कई रेस्टोरेंट नियमों को ताक पर रखकर बनाए गए होते हैं, जिस ओर सरकार पूरा ध्यान नहीं देती।
समाज
| 6-मिनट में पढ़ें
श्रुति दीक्षित
@shruti.dixit.31
एक क्या अभी तो मुंबई जैसी सैंकड़ों दुर्घटनाएं बाकी हैं...
मुंबई जैसी घटना किसी भी स्टेशन पर हो सकती है. ये मैं नहीं कह रही बल्कि कह रही है CAG की रिपोर्ट. ये रिपोर्ट भी आज की नहीं है बल्कि पिछले 8 सालों से लागातार इस रिपोर्ट पर परत दर परत धूल की तरह आकंड़े जुड़ते जा रहे हैं.